Dard Bhari Shayari
कुछ चीजें हम पुरानी छोड़ आये हैं आते आते हैं उसकी
आंखों में पानी छोड़ आए हैं ये ऐसा दर्द है जो बयान
नहीं हो सकता दिल तो साथ ले आये धड़कन छोड़ आए।
HINDI SHAYARI
अकेला छोड़ कर मुझे तुम तन्हा कर गए अधूरा सा हर
लम्हा कर गए प्यार क्यों किया मुझसे अगरनिभाना
ना था बस जिंदा है अब ये शरीर मेरे जज्बात मर गए।
इश्क ऐसा था कि उनको बता ना सके चोट थी
दिल पर दिखा ना सके नहीं चाहते थे हम उनसे
दूर होना लेकिन इतनी दूरी थी कि हम मिटा ना सके।
दिल को ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं फिर भीखुश हूं
मुझे उस से कोई शिकवा नहीं कितने अश्क बहाऊं अब
उस के लिए जिसको खुदा ने मेरी किस्मत में लिखा ही नहीं।
उसकी हंसी में छुपे दर्द को महसूस तो
कर वो यूंही हंस हंस के खुद को सजा देता है
मेरा हर ज़ख्म उसकी मेहरबानी है मेरी जिंदगी
तो एक अधूरी कहानी है चाहता तो मिटा देता
हर दर्द को मगर यह दर्द ही उसकी आखिरी निशानी है।
कौन कहता है नफरतों में दर्द है मोहसिन
कुछ मोहब्बतें भी बड़ी दर्द नाक होती हैं
उसकी हंसी में छुपे दर्द को महसूस तो
कर वो यूंही हंस हंस के खुद को सजा देता है
तुम पर बीतेगी तो तुम भी जान जाओगे मोहसिन
कोई नजर अंदाज करे तो कितना दर्द होता है
रात भर जलता रहा यह दिल उसी की याद में समझ
नहीं आता दर्द प्यार करने से होता है या याद करने से
तेरे दिल के करीब आना चाहता हूं मैं तुझको नहीं और
अब खोना चाहता हूं मैं अकेला इस तन्हाई का दर्द बर्दाश्त
नहीं होता तू एक बार आ जा तुझसे लिपट कर रोना चाहता हूं मैं
कभी किसी से प्यार मत करना ऐ दोस्त अगरहो जाये
प्यार तो इज़हार मत करना अगर चलसको तो ही चलना
इस राह पर वरना किसी की जिंदगी बर्बाद मत करना
आंसू गिरने की आहट नहीं होती दिल टूटने की आवाज नहीं होती
गर होता उन्हें एहसास दर्द का तो दर्द देने की उन्हें आदत न होती।
तेरी याद आई तो थोड़ा उदास हो जाऊंगा जिंदगी से
फिर एक बार निराश हो जाऊंगा कभी सोचा भी ना था
ऐसा भी होगा तेरी खुशी के लिए मैं खुद को रुलाऊंगा।
कभी जो कहते थे तुम्हें कभी ना रोने देंगे आंसू भरी
आंख लेकर तूझे कभी सोने देंगे आखिर वही हमारी आंख
का आंसू बन गए जो कहते थे तुम को कभी खोने ना दे
उसे पाया नहीं लेकिन उसको खोया भी नहीं है उसके बगैर
आंसू लेकर रोया भी नहीं है प्यार का रुख नफरत में कुछ
इस कदर बदला अब सोचते हैं कि उनका कभी होना भी नहीं है।
तुझे पाने की कोशिश की बहुत मैंने लेकिन शायद मेरी
कोशिश में कमी रह गई वो कहते थे तुमको कभी दुख ना
देंगे उनके नाम कि मेरी आंखों में नमी रह गई।
जब कहा था तुमने हमारे सपने सच होंगे तब यकीन था
तुम पर रब से भी ज्यादा लेकिन अब विश्वास चूर चूर हो
गया है मेरा शायद तुमने अधूरा छोड़ दिया अपना वादा।
प्यार था तुमसे चाहत भी थी तुमसे की हुई शरारत भी थी
लेकिन शायद तुम ही मुझे समझ नहीं पाए मोहब्बत थी
लेकिन जाहिर ना किया शराफत भी थी मेरी
तूझको जाता देख कर घबरा जाता था तुझे देखकर
कभी कभी ये शर्मा जाता था लेकिन वह प्यार रहा ना
वो शर्म रही जब तेरी याद में रो कर रात गुजारता था
1 Comments:
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